[1] सामवेद
[2] ऋग्वेद
[3] यजुर्वेद
[4] अथर्ववेद
उत्तर: (3] यजुर्वेद
व्याख्या: यजुर्वेद (यजु अथवा सूत्रों का वेद) में यज्ञ के समय प्रपन्न के प्रयोजन के लिए कई मंत्र (सुक्त) हैं और पालन किए जाने वाले नियम हैं। इसी वेद में पहली बार राजसूय और वाजपेय जैसे दो राजकीय समारोहों का उल्लेख हुआ है। ऋग्वेद एवं सामवेद के विपरीत यह वेद पद्य और गद्य दोनों में हैं। यह दो भागों में विभाजित है: कृष्ण यजुर्वेद और शुक्ल यजुर्वेद।
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