[1] यजमान
[2] श्रमण
[3] अथर्वन्
[4] श्रेष्ठिन्
उत्तर: (2] श्रमण
व्याख्या: उत्तर वैदिक काल में वेद विरोधी (वैदिक धर्म का विरोध करने वाले) सभी आचार्य (अध्यापक)’ श्रमण ‘कहे जाते थे जो एक उपदेशक के रूप में संन्यास परंपरा के समर्थक थे। वैदिक यज्ञवाद तथा कर्मप्रधान प्रवृत्ति मार्ग का इन निवृत्तिमार्गी (संन्यासी मार्ग) श्रमणों से टकराव के फलस्वरूप अनेक सम्प्रदायों का उदय हुआ जिसमें 6 प्रमुख थे: (1) पूरणकश्यप (घोर अक्रियावादी सम्प्रदाय) (2) मक्खलिगोशाल (आजीवक सम्प्रदाय) (3) अजितकेशकम्बलिन (भौतिकवादी) (4) पकुध कच्चायन (पुनर्जन्म को नकारता है) (5) संजय वेलठ्ठिपुत्र (अनिश्चयवादी) (6) निगण्ठ नाथ पुत्र महावीर स्वामी (जैन धर्म)
- हड़प्पा संस्कृति के किस स्थल से कब्रिस्तान के प्रमाण नहीं मिले हैं
- मोहनजोदड़ो की प्रसिद्ध पशुपति मुहर पर देवता किन पशुओं से घिरा है
- हड़प्पा संस्कृति से जुड़ा पुरास्थल सुत्कागेनडोर किस नदी के तट पर स्थित है
- किन हड़प्पाई स्थलों पर घोड़े के अवशेष प्राप्त हुए हैं
- निम्नलिखित में से किन हड़प्पाई स्थलों पर घोड़े के अवशेष प्राप्त हुए हैं
- भारत का सबसे बड़ा हड़प्पन पुरास्थल है
- सुत्कागेनडोर किस नदी के तट पर स्थित है
- हड़प्पा संस्कृति के लोग लाजवर्द किस देश से प्राप्त करते थे
- हड़प्पा संस्कृति में किस प्रकार की मुहरें सर्वाधिक लोकप्रिय थीं
- निम्नलिखित में से किसकी पूजा हड़प्पा संस्कृति में नहीं होती थी