[1) आदित्य नोल [2) राज राज चोल [3) राजेन्द्र नोल [4) करिकाला नोल
उत्तर: (2) राज राज चोल
व्याख्या: तंजौर का शैव मंदिर जो राजराजेश्वर या बृहदेश्वर नाम से प्रसिद्ध है, का निर्माण चोल शासक राजराज प्रथम के काल में हुआ था। भारत के मंदिरों में सबसे बड़ा तथा लम्बा यह मंदिर एक उत्कृष्ट कलाकृति है। इसे द्रविड़ शैली का सर्वोत्तम नमूना माना जाता है। इसके निर्माण में ग्रेनाइट पत्थरों का प्रयोग किया गया है। बृहदेश्वर मंदिर में एक ही पत्थर से बना विशालकाय नंदी की प्रतिमा है जो देश में इसकी सबसे बडी नंदी प्रतिमा है।
- हड़प्पा संस्कृति के किस स्थल से कब्रिस्तान के प्रमाण नहीं मिले हैं
- मोहनजोदड़ो की प्रसिद्ध पशुपति मुहर पर देवता किन पशुओं से घिरा है
- हड़प्पा संस्कृति से जुड़ा पुरास्थल सुत्कागेनडोर किस नदी के तट पर स्थित है
- किन हड़प्पाई स्थलों पर घोड़े के अवशेष प्राप्त हुए हैं
- निम्नलिखित में से किन हड़प्पाई स्थलों पर घोड़े के अवशेष प्राप्त हुए हैं
- भारत का सबसे बड़ा हड़प्पन पुरास्थल है
- सुत्कागेनडोर किस नदी के तट पर स्थित है
- हड़प्पा संस्कृति के लोग लाजवर्द किस देश से प्राप्त करते थे
- हड़प्पा संस्कृति में किस प्रकार की मुहरें सर्वाधिक लोकप्रिय थीं
- निम्नलिखित में से किसकी पूजा हड़प्पा संस्कृति में नहीं होती थी