(a) विन्ध्य क्षेत्र की नव-पाषाण संस्कृति से
(b) विन्ध्य क्षेत्र की मध्य-पाषाण संस्कृति से
(c) गंगा घाटी की मध्य-पाषाण संस्कृति से
(d) गंगा घाटी की नव-पाषाण संस्कृति से
Ans: [c) गंगा घाटी की मध्य-पाषाण संस्कृति से
व्याख्या: सराय नाहर राय और महदहा गंगा घाटी की मध्य पाषाण संस्कृति से सम्बन्धित है। इसमें से सराय नाहर राय प्रतापगढ़ जिले में स्थित है जिसकी खोज के. सी. ओझा ने की थी। यहां से 11 मानव सभाधियों तथा 8 गर्न चूल्हे पाये गये हैं। यहाँ एक समाधि ऐसी है जिसमें एक साथ चार-चार मानवों को दफनाया गया है। ‘महदहा’ नामक मध्य पाषाणिक स्थल भी प्रतापगढ़ जिले में स्थित है जिसकी खोज इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पुरातत्व विभाग तथा पट्टी तहसील के तत्कालीन परगनाधिकारी लाल बिहारी पाण्डेय के सौजन्य से हुई थी। यहां से भी मानव समाधियां प्राप्त हुई हैं। यहाँ से मानव समाधियों के अतिरिक्त पशुओं की अधजली हड्डियाँ, शृंग आदि भी प्राप्त हुई है जिसके कारण इसे वध-स्थल कहा गया है।
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- हड़प्पा संस्कृति से जुड़ा पुरास्थल सुत्कागेनडोर किस नदी के तट पर स्थित है
- किन हड़प्पाई स्थलों पर घोड़े के अवशेष प्राप्त हुए हैं
- निम्नलिखित में से किन हड़प्पाई स्थलों पर घोड़े के अवशेष प्राप्त हुए हैं
- भारत का सबसे बड़ा हड़प्पन पुरास्थल है
- सुत्कागेनडोर किस नदी के तट पर स्थित है
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- निम्नलिखित में से किसकी पूजा हड़प्पा संस्कृति में नहीं होती थी