Ans: राज्यसभा के उपसभापति का निर्वाचन राज्यसभा के सदस्यों के द्वारा किया जाता है. राज्यसभा के सभापति तथा उप सभापति का पद संवैधानिक पद है. जिसका वर्णन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 89 में किया गया है. राज्यसभा का कोई भी सदस्य राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए एक नाम का प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकता है. प्रत्येक सांसद को केवल एक प्रस्ताव को स्थानांतरित करने का समर्थन करने की अनुमति होती है. उपसभापति पद के लिए सांसद के नाम का प्रस्ताव पेश होने के बाद राज्यसभा इस पर विचार करती है. यदि एक से अधिक सांसदों का नाम प्रस्तुत किए जाते हैं तो ऐसी स्थिति में वोटिंग या मत विभाजन के द्वारा उम्मीदवार का फैसला किया जाता है. हालांकि संसद में किसी सांसद के नाम पर सहमति बनने पर उसे सर्वसम्मति से राज्यसभा का उपसभापति उपाध्यक्ष चुने की व्यवस्था है. राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए पहला चुनाव 1952 में हुआ था.
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