(a) बागोर
(b) बाघोर ॥
(c) बीरभानपुर
(d) महदहा
Ans: [d) महदहा
व्याख्या: उत्तर प्रदेश का विन्ध्य तथा ऊपरी एवं मध्य गंगा घाटी क्षेत्र मध्यपाषाणकालीन उपकरणों के लिए अत्यन्त समृद्ध है महदहा, सराय नाहर, तथा दमदमा महत्वपूर्ण स्थल है। महदहा से सींग (शृंग) के बने उपकरण और आभूषण सराय नाहर की तुलना में अधिक संख्या में मिले हैं। सींग तथा शृंग के उपकरणों में बाणाग्र, बेधक, खुरचनी, आरी, रुखानी, चाकू आदि हैं। शृंग के आभूषणों में कुण्डल तथा मुद्रिकाएँ उल्लेखनीय है। महदहा से बलुआ पत्थर से बने सिल एवं लोदे, तथा स्तम्भ गर्त के भी साक्ष्य मिले हैं। सिल-लोढ़ों की प्राप्ति से यह इंगित होता है कि संभवतः जंगली घास के दानों को पीसकर भोज्य-सामग्री के रूप में उपयोग किया जाने लगा था। पुरापुष्पपराग के विश्लेषण से हरे-भरे घास के मैदान के विषय में संकेत मिलता है।
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