(A) एडीएम जबलपुर मामला-आपातकाल में नागरिकों के अधिकार
(B) इंदिरा साहनी मामला-काम पर महिलाओं के अधिकार
(C) विशाखा मामला-केंद्र-राज्य संबंध
(D) करतार सिंह केस-अल्पसंख्यकों के अधिकार
उत्तर- [1] एडीएम जबलपुर मामला-आपातकाल में नागरिकों के अधिकार
व्याख्या : संविधान का अनुच्छेद 21 जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी देता है. हालाँकि, आंतरिक आपातकाल (1975-77) के दौरान, अनुच्छेद 21 को लागू करने के लिए अदालत में जाने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 359 के तहत निलंबित कर दिया गया था। शीघ्र ही एक प्रश्न उठा कि क्या ऐसी स्थिति में बंदी प्रत्यक्षीकरण की रिट अनुरक्षणीय थी? एडीएम जबलपुर बनाम शिव कांत शुक्ला एआईआर 1976, जिसे बंदी प्रत्यक्षीकरण मामले के रूप में भी जाना जाता है, ने इस प्रश्न को निपटाया।
- वह स्रोत जिसमें पाटलिपुत्र के प्रशासन का वर्णन उपलब्ध है, वह है ?
- निम्नलिखित मुगल शासकों में से किसे ‘प्रिन्स ऑफ बिल्डर्स’ के नाम से पुकारा जाता है ?
- पहली सहायक सन्धि कौन सी थी ?
- बिहार प्रदेश को किस मुस्लिम शासक ने सर्वप्रथम जीता था ?
- पानीपत की दूसरी लड़ाई किनके बीच हुई थी ?
- मुगलकाल में सर्वप्रथम किस शहर में अंग्रेजों ने अपने कारखाने स्थापित किए ?
- गुप्त समाज की स्थापना किसने की थी ?
- किस अवधि में रामायण एवं महाभारत की रचना हुई थी ?
- इंगलैण्ड में गृहयुद्ध कितने वर्षों तक चला था ?
- तराइन का प्रथम युद्ध 1191 ई. किसके मध्य लड़ा गया ?