[1] महावीर
[2] गौतम बुद्ध
[3] आदि शंकराचार्य
[4] कबीर
उत्तर: (2] गौतम बुद्ध
व्याख्या: मानव के दु: खों के अंत के लिए ‘अष्टांगिक मार्ग’ पथ का प्रतिपादन गौतम बुद्ध ने किया था। बुद्ध ने सांसारिक दुःखों के सम्बन्ध में चार आर्य सत्यों का उपदेश दिया। ये हैं- () दुःख (t) दु: ख समुदाय (iii) दु: ख निरोध (iv) दुःख निरोधगामिनी प्रतिपद्या। इन सांसारिक दु: खों से मुक्ति हेतु, बुद्ध ने अष्टांगिक मार्ग की बात कही। ये साधन हैं (1) सम्यक् दृष्टि (i) सम्यक् संकल्प (ii) सम्यक् वाणी (iv) सम्यक् कर्मान्त (७) सम्यक् आजीव (vi) सम्यक् व्यायाम् (vit) सम्यक् स्मृति एवं (viii) सम्यक् समाधि
- हड़प्पा संस्कृति के किस स्थल से कब्रिस्तान के प्रमाण नहीं मिले हैं
- मोहनजोदड़ो की प्रसिद्ध पशुपति मुहर पर देवता किन पशुओं से घिरा है
- हड़प्पा संस्कृति से जुड़ा पुरास्थल सुत्कागेनडोर किस नदी के तट पर स्थित है
- किन हड़प्पाई स्थलों पर घोड़े के अवशेष प्राप्त हुए हैं
- निम्नलिखित में से किन हड़प्पाई स्थलों पर घोड़े के अवशेष प्राप्त हुए हैं
- भारत का सबसे बड़ा हड़प्पन पुरास्थल है
- सुत्कागेनडोर किस नदी के तट पर स्थित है
- हड़प्पा संस्कृति के लोग लाजवर्द किस देश से प्राप्त करते थे
- हड़प्पा संस्कृति में किस प्रकार की मुहरें सर्वाधिक लोकप्रिय थीं
- निम्नलिखित में से किसकी पूजा हड़प्पा संस्कृति में नहीं होती थी