[1] महावीर
[2] गौतम बुद्ध
[3] आदि शंकराचार्य
[4] कबीर
उत्तर: (2] गौतम बुद्ध
व्याख्या: मानव के दु: खों के अंत के लिए ‘अष्टांगिक मार्ग’ पथ का प्रतिपादन गौतम बुद्ध ने किया था। बुद्ध ने सांसारिक दुःखों के सम्बन्ध में चार आर्य सत्यों का उपदेश दिया। ये हैं- () दुःख (t) दु: ख समुदाय (iii) दु: ख निरोध (iv) दुःख निरोधगामिनी प्रतिपद्या। इन सांसारिक दु: खों से मुक्ति हेतु, बुद्ध ने अष्टांगिक मार्ग की बात कही। ये साधन हैं (1) सम्यक् दृष्टि (i) सम्यक् संकल्प (ii) सम्यक् वाणी (iv) सम्यक् कर्मान्त (७) सम्यक् आजीव (vi) सम्यक् व्यायाम् (vit) सम्यक् स्मृति एवं (viii) सम्यक् समाधि
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