खतरे का सिग्नल लाल रंग का क्यों बनाया जाता है ?

उत्तर-खतरे का सिग्नल लाल रंग का बनाए जाने का सर्वप्रमुख कारण यह है | कि लाल रंग सबसे कम प्रकीर्णित होता है | तथा यह दूर से सर्वाधिक स्पष्ट दिखाई देता है | वायु कणों में कम विकिरित होने वाला लाल रंग व्यक्ति तक अधिक मात्रा में पहुँचता है और दिखाई पड़ता है तथा उद्देश्य की पूर्ति करता है | नीले रंग का प्रकीर्णन सबसे ज्यादा होता है |. सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय जब सूर्य किरणें सर्वाधिक दूरी तय करती है | तब प्रकाश का सबसे अधिक लाल रंग हमारे पास तक पहुँचता है |, शेष रंगों का मार्ग में प्रकीर्णन हो जाता है | और इसी कारण हमें सूर्य लाल दिखता है आकाश का रंग नीला होने का कारण भी इसी में निहित है |. सूर्य से दूर हम सूर्य का प्रकाश नहीं बल्कि प्रकीर्णित रंगों को देखते है |चूँकि बैंगनी और तत्पश्चात् जामुनी एवं नीले रंग (लघु तरंगदैर्घ्य के कारण) का प्रकीर्णन सर्वाधिक होता है | इसीलिए आकाश हमें नीला दिखाई पड़ता है |

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