(a) नव-पाषाण काल में
(b) मध्य-पाषाण काल में
(c) पुरा-पाषाण काल में
(d) प्रोटो-ऐतिहासिक काल में
Ans: [a) नव-पाषाण काल में
व्याख्या: वैश्विक संदर्भ में नवपाषाण युग 9000 ई.पू. में आरम्भ होता है, परन्तु भारत में नवपाषाण कालीन सभ्यता का प्रारंभ ईसा पूर्व 4000 के लगभग हुआ। बलूचिस्तान के मेहरगढ़ में एक ऐसी प्राचीन बस्ती (वर्तमान पाकिस्तान) मिली है, जिसका समय 7000 ई.पू. बताया जाता है। नवपाषाणकालीन अर्थव्यवस्था का आधारभूत तत्व खाद्य उत्पादन और पशुओं को पालतू बनाने की जानकारी है, जिसका तकनीकी आधार पाषाण उपकरण है। नवपाषाण काल की प्रथम और प्रमुख उपलब्धि खाद्य उत्पादन (कृषि कार्य) का आविष्कार, पशुओं के उपयोग की जानकारी तथा स्थिर ग्राम्य जीवन का विकास है। कृषि के आविष्कार के साथ बर्तनों की आवश्यकता महसूस हुई जिसके कारण कुम्भकारी सर्वप्रथम इसी युग में परिलक्षित होती है।
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- हड़प्पा संस्कृति से जुड़ा पुरास्थल सुत्कागेनडोर किस नदी के तट पर स्थित है
- किन हड़प्पाई स्थलों पर घोड़े के अवशेष प्राप्त हुए हैं
- निम्नलिखित में से किन हड़प्पाई स्थलों पर घोड़े के अवशेष प्राप्त हुए हैं
- भारत का सबसे बड़ा हड़प्पन पुरास्थल है
- सुत्कागेनडोर किस नदी के तट पर स्थित है
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- निम्नलिखित में से किसकी पूजा हड़प्पा संस्कृति में नहीं होती थी