[1] बौद्ध
[2] जैन
[3] हिन्दू
[4] सिक्ख
उत्तर: (2] जैन
व्याख्या: कैवल्य, मोक्ष प्राप्ति से संबंधित जैन धर्म की महत्त्वपूर्ण अवधारणा है। जैन धर्म के अनुसार, सभी विद्यमान वस्तुओं को दो भागों जीव (सजीव वस्तुओं अर्थात् जिनमें आत्मा का वास हो) और अजीव (निर्जीव वस्तुओं अर्थात् जिनमें आत्मा का वास न हो) में विभाजित किया जाता है। सजीव प्राणियों (जीव) की निर्जीव प्राणियों (अजीव) के साथ की बाधा सभी दु: खों का कारण है। कैवल्य, सजीव प्राणियों के इन बाधाओं से मुक्त होने का मार्ग है।
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