[1] प्रबंध
[2] अंग
[3] निबन्ध
[4] चरित
उत्तर: (2] अंग
व्याख्या: जैन धर्म की पवित्र पुस्तकों को सामूहिक रूप से ‘अंग’ कहा जाता है। इसमें विभिन्न छोटे-छोटे मुद्दों पर पचास पृथक् कृतियों को समाविष्ट किया गया है। ये मूल-पाठ मुख्यत: अर्ध-मागधी प्राकृत और शौरसेनी भाषा में लिखे गए हैं। इस प्रामाणिक धर्म ग्रंथ संग्रह में विभिन्न नियमों की अन्य पुस्तकों के अतिरिक्त, महावीर द्वारा उल्लेखित 14 ‘पूर्व’ या ‘आरंभिक कृतियों’ और महावीर के शिष्यों द्वारा रचित कई अंग भागों को शामिल किया गया है।
- वह स्रोत जिसमें पाटलिपुत्र के प्रशासन का वर्णन उपलब्ध है, वह है ?
- निम्नलिखित मुगल शासकों में से किसे ‘प्रिन्स ऑफ बिल्डर्स’ के नाम से पुकारा जाता है ?
- पहली सहायक सन्धि कौन सी थी ?
- बिहार प्रदेश को किस मुस्लिम शासक ने सर्वप्रथम जीता था ?
- पानीपत की दूसरी लड़ाई किनके बीच हुई थी ?
- मुगलकाल में सर्वप्रथम किस शहर में अंग्रेजों ने अपने कारखाने स्थापित किए ?
- गुप्त समाज की स्थापना किसने की थी ?
- किस अवधि में रामायण एवं महाभारत की रचना हुई थी ?
- इंगलैण्ड में गृहयुद्ध कितने वर्षों तक चला था ?
- तराइन का प्रथम युद्ध 1191 ई. किसके मध्य लड़ा गया ?