(a) कालीबंगा
(b) लोथल
(c) चन्हूदड़ो
(d) धौलावीरा
उत्तर: [d] धौलावीरा
व्याख्या:हड़प्या सभ्यता का धौलावीरा नगर तीन भागों में विभाजित है. हड़प्पन संस्कृति के संदर्भ में शैलकृत स्थापत्य के प्रमाण धौलावीरा से मिले हैं। धौलावीरा गुजरात के कच्छ जिले के भचाऊ तालुका में खादिर नाम के एक द्वीप, जिसे स्थानीय भाषा में ‘बैठ’ कहते हैं, के उत्तरी पश्चिमी कोने पर बसा हुआ एक छोटा गांव है। इसके चारों ओर कच्छ का रेगिस्तान फैला हुआ है। मनसर एवं मनहर यहां की बरसाती नदियां हैं। धौलावीरा के कोटड़ा नामक टीले के उत्खनन से सिन्धु सभ्यता के अवशेष मिले हैं। घौला का अर्थ सफेद तथा वीरा का कुआं है। धौलावीरा के टीलों की खोज सन् 1967-68 ई. में करने का श्रेय भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के जे. पी. जोशी को है । यहां के उत्खनन से आयताकार नगर विन्यास योजना के साक्ष्य प्रकाश में आये हैं। किले के अन्दर नगर को तीन भागों में विभाजित किया गया है- (1) किला (दुर्ग), (2) मध्य नगर, (3) आम नगर। इनमें से प्रथम दो की तो पत्थर की दीवारों द्वारा आयताकार रूप से मजबूत किलेबन्दी की गई थी। यहाँ से पालिशदार श्वेत पाषाण खण्ड बड़ी संख्या में प्राप्त हुए हैं। यहाँ से एक उन्नत जल प्रबन्धन प्रणाली का भी पता चलता है।
- हड़प्पा संस्कृति के किस स्थल से कब्रिस्तान के प्रमाण नहीं मिले हैं
- मोहनजोदड़ो की प्रसिद्ध पशुपति मुहर पर देवता किन पशुओं से घिरा है
- हड़प्पा संस्कृति से जुड़ा पुरास्थल सुत्कागेनडोर किस नदी के तट पर स्थित है
- किन हड़प्पाई स्थलों पर घोड़े के अवशेष प्राप्त हुए हैं
- निम्नलिखित में से किन हड़प्पाई स्थलों पर घोड़े के अवशेष प्राप्त हुए हैं
- भारत का सबसे बड़ा हड़प्पन पुरास्थल है
- सुत्कागेनडोर किस नदी के तट पर स्थित है
- हड़प्पा संस्कृति के लोग लाजवर्द किस देश से प्राप्त करते थे
- हड़प्पा संस्कृति में किस प्रकार की मुहरें सर्वाधिक लोकप्रिय थीं
- निम्नलिखित में से किसकी पूजा हड़प्पा संस्कृति में नहीं होती थी