हड़प्पा संस्कृति के विघटन के लिए ‘इन्द्र’ को किसने उत्तरदायी माना था

(a) सर जॉन मार्शल
(b) सर मार्टिमर ह्वीलर
(c) सर आरेल स्टाइन
(d) एम.एस. वत्स

उत्तर: [b] सर मार्टिमर ह्वीलर

व्याख्या:सैन्धव सभ्यता के विघटन में बाह्य आक्रमण को एक कारण माना जाता है। जिस पर ध्यान सर्वप्रथम सन् 1934 में गार्डन चाइल्ड ने दिया था। मार्टीमर हीलर ने इसका समर्थन किया था। ह्वीलर के अनुसार यद्यपि द्वितीय सहस्राब्दी ई. पू. के मध्य तक सैन्धव सभ्यता विद्यमान थी तथापि अपने उत्तर काल में यह क्रमिक पतन की ओर अग्रसर हो रही थी। लगभग 1500 ई.पू. में इस सभ्यता का सहसा एवं आकस्मिक अंत किसी बाह्य आक्रमण का परिणाम था। मोहनजोदड़ों के ऊपरी धरातल से अस्त-व्यस्त दशा में प्राप्त मानव कंकालों के आधार यह निष्कर्ष निकाला गया था कि सैन्धव सभ्यता के अन्तिम दौर में बाह्य आक्रमण हुआ था। अधिकांश कंकाल अस्त-व्यस्त दशा में बिना विधिवत् अन्तिम संस्कार किये घरों तथा सार्वजनिक मार्गों पर पड़े हुए मिले थे। इन साक्ष्यों के आधार पर ह्वीलर ने यह निष्कर्ष निकाला कि मोहनजोदड़ो नगर पर सहसा आक्रमण हो गया और ये लोग भाग नहीं सके थे। ह्वीलर ने ऋग्वेद के अन्तः साक्ष्यों का इस संदर्भ में अत्यन्त बुद्धिमत्ता से उपयोग किया था। ऋग्वेद की कतिपय ऋचाओं में असुरों के ‘अयस’ निर्मित पुरों के ‘पुरन्दर’ (इन्द्र) द्वारा विनष्ट किये जाने का उल्लेख मिलता है। इसलिए ह्वीलर ने इस नरसंहार के लिए इन्द्र को दोषी ठहराया था।

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