[1] जैन धर्म
[2] बौद्ध धर्म
[3] शैव धर्म
[4] वैष्णव धर्म
उत्तर: (3] शैव धर्म
व्याख्या: चोल राजाओं के समय में तमिल प्रदेश में शैव तथा वैष्णव धर्म का बोलबाला रहा। शैव नायनारों तथा वैष्णव आचार्यों ने इन धर्मों के प्रचार प्रसार के लिए व्यापक आन्दोलन चलाया। इनमें शैव धर्म अधिक लोकप्रिय था। शैव भक्ति गीतों का संकलनकर्ता नम्बि अण्डार नम्बि को माना जाता है जो राजराज तथा राजेन्द्र चोल के समय में हुए। चोल वंश के अधिकांश शासक शैव धर्म के अनुयायी थे जिन्होंने शिव के अनेक मन्दिरों का निर्माण करवाया था।
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