जामदा नृत्य किस राज्य से संबंधित है? Jamda dance which state

A.झारखंड
B.उत्तर प्रदेश
C.बिहार
D.छत्तीसगढ़

Ans: झारखंड

जामदा नृत्य झारखंड से संबंधित है ।

झारखंड में कई पारंपरिक नृत्य (dance) शैलियाँ हैं, जो यहाँ की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा हैं। कुछ प्रमुख पारंपरिक नृत्य शैलियाँ निम्नलिखित हैं:

  1. छौबा: यह एक प्रसिद्ध परंपरागत नृत्य है, जिसमें किसी विशेष समय पर बनाए गए रंगीन पत्थरों को प्रदर्शित करते हैं। इस नृत्य के माध्यम से किसी कहानी को दर्शाने का प्रयास किया जाता है।
  2. सन्ताल नृत्य: सन्ताल समुदाय झारखंड के प्रमुख समुदायों में से एक है और उनके पास अपनी विशेष नृत्य परंपरा है। सन्ताल नृत्य में उनकी दैनिक जीवनशैली और संस्कृति की छवि प्रकट होती है।
  3. कुड़ुमा नृत्य: यह झारखंड के पश्चिमी भाग में प्रचलित है और इसमें गर्मी के मौसम में सिरे से पानी की खोज करने के खेल का प्रतिनिधित्व किया जाता है।
  4. जोगरा नृत्य: यह अपने तालमेल और छवि प्रदर्शन की वजह से प्रसिद्ध है। इसमें कई लोगों ने एक साथ नृत्य करते हुए अपनी आवाज को भी नृत्य का हिस्सा बनाया होता है।

 

Other dance form of झारखंड state

 

  1. छऊ नृत्य/Chhau Dance
  2. संथाल नृत्य/Santhal Dance
  3. कर्मा नृत्य/Karma Dance
  4. मुंडा नृत्य/Munda Dance
  5. करम नृत्य/Karam Dance
  6. झूमर नृत्य/Jhumar Dance
  7. नागपुरी नृत्य/Nagpuri Dance
  8. खोवर नृत्य/Khovar Dance
  9. बिरहोर नृत्य/Birhor Dance

 

मराट लोंगरी वन्यजीव अभयारण्य किस राज्य में स्थित है?

A. मिजोरम
B. मेघालय
C. झारखंड
D. असम

Ans: असम

Exp: मराट लोंगरी वन्यजीव अभयारण्य असम राज्य में स्थित है । नीचे अन्य सभी अभ्यारण का लिस्ट उपलब्ध करवाई जा रही है उन्हें भी कृपा पढ़ें ।

असम सोनल रूपल अभयारण्य, बराली वन्यजीव अभयारण्य, देहिंग पटकाई वन्यजीव अभयारण्य, पूर्वी कार्बी आंगलोंग वन्यजीव अभयारण्य, मराट लोंगरी वन्यजीव अभयारण्य
मेघालय – नोकरेक राष्ट्रीय उद्यान, बलपक्रम राष्ट्रीय उद्यान, बाघमारा रिजर्व वन, सिजू पक्षी अभयारण्य, नोंगखिलेम वन्यजीव अभयारण्य।
मिजोरम – नगेंगपुर वन्यजीव अभयारण्य, टोकालो वन्यजीव अभयारण्य।
झारखंड – दलमा वन्यजीव अभयारण्य, पालकोट वन्यजीव अभयारण्य, महुआदानर भेड़िया अभयारण्य, गौतम बुद्ध वन्यजीव अभयारण्य, लवलॉन्ग वन्यजीव अभयारण्य।

मोनलम चेनमो उत्सव किस राज्य से संबंधित है?

  1. लद्दाख
  2. सिक्किम
  3. पांडिचेरी
  4. लक्ष्यदीप

Ans: मोनलम चेनमो उत्सव लद्दाख राज्य से संबंधित है?

विश्व शांति और खुशी के लिए बौद्ध भिक्षुओं और ननों का सामूहिक प्रार्थना शिविर, वार्षिक पांच दिवसीय महान प्रार्थना महोत्सव, लद्दाख मोनलम चेनमो 11 मई से 16 मई तक लेह लद्दाख में आयोजित करवाया जा रहा है

लद्दाख के अन्य महोत्सव

  1. लोसर महोत्सव
  2. फ्यांग त्सेडुप महोत्सव
  3. दोस्मोचे महोत्सव
  4. हेमिस महोत्सव
  5. सिंधु दर्शन महोत्सव
  6. लद्दाख हार्वेस्ट फेस्टिवल

महापाषाण संस्कृति (500 ई ० पू ०-100 ई ०) हमें दक्षिण भारत के उस ऐतिहासिक युग से परिचित कराती है, जब महापाषाण काल में उपयोग में लाये जाते थे:

(1) पत्थर से बने अस्त्र

(2) पत्थर से बने औजार और उपकरण

(3) बड़े पत्थरों से घेरी गई समाधियाँ (कब्रे)

(4) पत्थर से बनी हुई दैनिक उपयोग की सामग्री

Ans : (2) बड़े पत्थरों से घेरी गई समाधियाँ (कब्रे)

भारतीय प्रायद्वीप के उच्च भागों में रहने वाले लोग महापाषाण निर्माता कहलाते हैं उनकी जानकारी उनकी कब्रों से हुई है जो महापाषाण कहलाती हैं। इन कब्रों को महापाषाण इसलिए कहते हैं कि इन्हें बड़े-बड़े पत्थरों के टुकड़ों से घेर दिया जाता था। इन कब्रों में दफनाए गए लोगों के न केवल अस्थिपंजर ही बल्कि मृदभांड और लोहे की वस्तुएँ भी मिली हैं।

मानव द्वारा प्रयुक्त पहली धातु थी

(1) ऐल्युमिनियम

(2) कॉपर

(3) आयरन

(4) सिल्वर

Ans: कॉपर

मानव द्वारा प्रयुक्त पहली धातु तांबा (कॉपर) थी। वे तांबे के औजार, हथियार और कंगन बनाते थे।

प्राचीन काल में स्रोत सामग्री लिखने के लिए प्रयुक्त भाषा थी:

(1) संस्कृत (2) पाली (3) ब्राह्मी (4) खरोष्ठी Ans: संस्कृत प्राचीन काल में स्रोत सामग्री लिखने के लिए प्रयुक्त भाषा संस्कृत थी। संस्कृत भारत की एक शास्त्रीय भाषा है, यह विश्व की सबसे पुरानी उल्लिखित भाषाओं में से एक है। संस्कृत हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की हिन्द-ईरानी शाखा की हिन्द-आर्य (Indo-Aryan) उपशाखा में शामिल है।आधुनिक भारतीय भाषाएँ … Read more

पुरालेख विद्या का अभिप्राय है:

(1) सिक्कों का अध्ययन

(2) शिलालेखों का अध्ययन

(3) महाकाव्यों का अध्ययन

(4) भूगोल का अध्ययन

Ans : (2) शिलालेखों का अध्ययन

अभिलेख या शिलालेख के अध्ययन को ‘पुरालेखशास्त्र‘ कहते हैं। अभिलेख मुहरों, स्तूपों, चट्टानों और ताम्रपत्रों पर मिलते हैं ये मन्दिर की दीवारों और ईंटोंया मूर्तियों पर उत्कीर्ण होते थे।सिक्कों का अध्ययन न्यूमिसमैटिक कहलाता है.

सीता माता अभ्यारण कौन से जिले में है?

A. प्रतापगढ़
B. जयपुर
C. अमरावती
D. नागौर

सही उत्तर : प्रतापगढ़

सीता माता अभ्यारण एक वन्य जीव अभ्यारण है. तथा सीता माता अभ्यारण राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में स्थित है. सीता माता अभ्यारण राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले का आकर्षण केंद्र है.