उत्तर– अंग्रेजों एवं पेशवा बाजीराव दितीय के मध्य 31 दिसंबर 1802 को बसीन की संधि हुई। जिसमें कंपनी ने पेशवा की सुरक्षा का भार अपने ऊपर ले कर उसे पुनः पूना में प्रतिस्थापित किया।
बसीन की संधि में निम्नलिखित प्रावधान थे
(i) पेशवा को सहायक संधि के अंतर्गत अंग्रेजी सरंक्षण स्वीकारते हुए सूरत नगर को कंपनी के सुपुर्द करना। (ii) गुजरात, ताप्ती तथा नर्मदा के मध्य प्रदेश तथा तुंगभद्रा नदी के सभी समीपवर्ती प्रदेश जिनकी आय 26 लाख रुपया वार्षिक थी पेशवा ने कंपनी को देने होंगे। (iii) अंग्रेजों द्वारा पेशवा की सहायता के लिए एक सहायक सेना पूना में रखने तथा जिसका समस्त खर्च पेशवा द्वारा वहन किया जाएगा। (iv) पेशवा के अन्य राज्यों एवं अन्य यूरोपीयों (अंग्रेजों के अतिरिक्त) से संबंधों पर अंग्रेजी नियंत्रण रहेगा। (v) पेशवा को निजाम से चौथ प्राप्त करने के अधिकार को त्यागना होगा तथा गायकवाड व निजाम के साथ संघर्ष में अंग्रेज मध्यस्थ होंगे।
सिडनी ओवन के अनुसार कंपनी को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस संधि के अंतर्गत भारत का साम्राज्य मिल गया’।
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