उत्तर- महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित अजंता की कुल 29 गुफाएँ हैं। यह गुफाएँ अपने सुंदर भिति रेखीय चित्रों (म्यूरल)के लिए प्रसिद्ध है |1819 ईस्वी.में जॉन स्मिथ नामक ब्रिटिश सैन्य अधिकारी ने इन गुफाओं की खोज की थी। अजंता चित्रकारी में, दीवारों पर बनाए गए चित्रों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण चित्र ‘जातक कथाओं से संबंधित हैं। 16 वी गुफा में चित्रित ‘मरणासन्न राजकुमारी’तथा ‘बुद्ध द्वारा उपदेश देते हुए का चित्र श्रेष्ठ माना जाता है। गुफा संख्या 1 में बने पदमपाणि अवलोकितेश्वर’, मार-विजय तथा पुलकेशिन द्वितीय एवं इरानी बादशाह के चित्र बनिस्पत बाद के माने जाते हैं।
आध्यात्मिकता के साथ शारीरिक सौंदर्य, फ्रेंस्को (गीले प्लास्टर पर) तथा टेंपेरा (सूखे प्लास्टर पर) विधियों का प्रयोग एवं नारी और अन्य पात्रों का स्वाभाविक चित्रण अजंता की मुख्य विशेषताएं हैं । सिगिरिया’ (श्रीलंका) से प्राप्त सुंदर भित्ति चित्रों में अजंता की परंपरा से सीधा संबंध दिखाई देता है।
- हड़प्पा संस्कृति के किस स्थल से कब्रिस्तान के प्रमाण नहीं मिले हैं
- मोहनजोदड़ो की प्रसिद्ध पशुपति मुहर पर देवता किन पशुओं से घिरा है
- हड़प्पा संस्कृति से जुड़ा पुरास्थल सुत्कागेनडोर किस नदी के तट पर स्थित है
- किन हड़प्पाई स्थलों पर घोड़े के अवशेष प्राप्त हुए हैं
- निम्नलिखित में से किन हड़प्पाई स्थलों पर घोड़े के अवशेष प्राप्त हुए हैं
- भारत का सबसे बड़ा हड़प्पन पुरास्थल है
- सुत्कागेनडोर किस नदी के तट पर स्थित है
- हड़प्पा संस्कृति के लोग लाजवर्द किस देश से प्राप्त करते थे
- हड़प्पा संस्कृति में किस प्रकार की मुहरें सर्वाधिक लोकप्रिय थीं
- निम्नलिखित में से किसकी पूजा हड़प्पा संस्कृति में नहीं होती थी