[1) विष्णु [2) शिव [3) ब्रह्म [4) दुर्ग
उत्तर: (2) शिव
व्याख्या: चोल राजाओं के समय में तमिल प्रदेश में शैव तथा वैष्णव धर्म का बोलबाला रहा। शैव नायनारों तथा वैष्णव आचार्यों ने इन धर्मों के प्रचार प्रसार के लिए व्यापक आन्दोलन चलाया। इनमें शैव धर्म अधिक लोकप्रिय था। शैव भक्तिगीतों का संकलनकर्ता नम्बि अण्डार नम्बि को माना जाता है जो राजराज तथा राजेन्द्र चोल के समय में हुए। चोल वंश के अधिकांश शासक शैव धर्म के अनुयायी थे जिन्होंने शिव के अनेक मन्दिरों का निर्माण करवाया था।
- हड़प्पा संस्कृति के किस स्थल से कब्रिस्तान के प्रमाण नहीं मिले हैं
- मोहनजोदड़ो की प्रसिद्ध पशुपति मुहर पर देवता किन पशुओं से घिरा है
- हड़प्पा संस्कृति से जुड़ा पुरास्थल सुत्कागेनडोर किस नदी के तट पर स्थित है
- किन हड़प्पाई स्थलों पर घोड़े के अवशेष प्राप्त हुए हैं
- निम्नलिखित में से किन हड़प्पाई स्थलों पर घोड़े के अवशेष प्राप्त हुए हैं
- भारत का सबसे बड़ा हड़प्पन पुरास्थल है
- सुत्कागेनडोर किस नदी के तट पर स्थित है
- हड़प्पा संस्कृति के लोग लाजवर्द किस देश से प्राप्त करते थे
- हड़प्पा संस्कृति में किस प्रकार की मुहरें सर्वाधिक लोकप्रिय थीं
- निम्नलिखित में से किसकी पूजा हड़प्पा संस्कृति में नहीं होती थी