[1] ब्रह्मचर्य-गृहस्थ-वानप्रस्थ-संन्यास
[2] गृहस्थ-ब्रह्मचर्य-वानप्रस्थ-संन्यास
[3] ब्रह्मचर्य-वानप्रस्थ-संन्यास-गृहस्थ
[4] गृहस्थ-संन्यास-वानप्रस्थ-ब्रह्मचर्य
उत्तर: (1] ब्रह्मचर्य-गृहस्थ-वानप्रस्थ-संन्यास
व्याख्या: वैदिक सभ्यता में ब्राह्मण चिन्तकों ने अपनी संस्कृति में स्थान देने के लिए मानव जीवन में चार आश्रमों का सिद्धांत प्रतिपादित किया। प्रारम्भिक उपनिषदों में केवल तीन आश्रमों का विधान मिलता है-ब्रह्मचर्य, गृहस्थ एवं वानप्रस्थ। परन्तु कालान्तर में ‘संन्यास’ नाम से चौथा आश्रम भी इस व्यवस्था का अंग बन गया।
- हड़प्पा संस्कृति के किस स्थल से कब्रिस्तान के प्रमाण नहीं मिले हैं
- मोहनजोदड़ो की प्रसिद्ध पशुपति मुहर पर देवता किन पशुओं से घिरा है
- हड़प्पा संस्कृति से जुड़ा पुरास्थल सुत्कागेनडोर किस नदी के तट पर स्थित है
- किन हड़प्पाई स्थलों पर घोड़े के अवशेष प्राप्त हुए हैं
- निम्नलिखित में से किन हड़प्पाई स्थलों पर घोड़े के अवशेष प्राप्त हुए हैं
- भारत का सबसे बड़ा हड़प्पन पुरास्थल है
- सुत्कागेनडोर किस नदी के तट पर स्थित है
- हड़प्पा संस्कृति के लोग लाजवर्द किस देश से प्राप्त करते थे
- हड़प्पा संस्कृति में किस प्रकार की मुहरें सर्वाधिक लोकप्रिय थीं
- निम्नलिखित में से किसकी पूजा हड़प्पा संस्कृति में नहीं होती थी