एक ग्रामीण बस्ती नगरीय बस्ती से अलग होती है उसी प्रकार एक नगरीय सभ्यता ग्रामीण सभ्यता से भिन्न होती है।उसी प्रकार नगरीय सभ्यता भी ग्रामीण संस्कृति से अलग होती है। हड़प्पा सभ्यता एक नगरी सभ्यता थी इस सभ्यता के अंतर्गत नगर सभ्यता के निम्नलिखित तत्व को यहां पर विस्तारपूर्वक समझाया जा सकता है।
बस्ती का आकार
ग्रामीण बस्तियों की तुलना में नगरीय बस्तियों का आकार बड़ा होता है। सामान्यत 20 हेक्टर से बड़े आकार वाले स्थल की गणना नगरीय स्थल में की जाती है। हड़प्पा सभ्यता के अंतर्गत कई ऐसे नगर स्थल हैं। जिनका आकार 60 हेक्टर और 100 हेक्टर के बीच हैं और फिर हड़प्पा और मोहनजोदड़ो जैसे स्थल आकार में उनसे भी बड़े हैं।
नियोजित निवास
नगरीय सभ्यता का एक महत्वपूर्ण लक्षण होता है। नियोजित निवास। दूसरे शब्दों में नगरीय बस्ती की बसावट ग्रामीण बस्ती से प्रथक होती है तथा वह बहुत अच्छे ढंग से बसावट की जाती है
एक बड़ी जनसंख्या का गैर कृषि उत्पादन में लगा होना
हड़प्पा नगरी स्थलों का एक बड़ी संख्या व्यापारी तथा शिल्पीओ की थी। तथा शिल्प का विशेषकरण नगरी सभ्यता की महत्वपूर्ण विशेषता थी। हड़प्पा नगरीय स्थलों की एक बड़ी जनसंख्या का गैर कृषि उत्पादन में लगा होना एक महत्वपूर्ण विशेषता थी।
एक सक्षम शासक वर्ग की उपस्थिति
नगरीय संरचना को बनाए रखने तथा उसके संचालन के लिए सक्षम शासक वर्ग की उपस्थिति होना आवश्यक है। हड़प्पा सभ्यता के अंतर्गत भी एक सक्षम शासक वर्ग उपस्थित था जो ग्रामीण क्षेत्र से अधिशेष को दोहन कर नगरीय क्षेत्र में संग्रहित करता था। तथा उसका पुनरवितरण करता था। साथ ही वे आर्थिक गतिविधियों के लिए उचित माहौल का निर्माण करता था।
लिपि का प्रयोग
लिपि के प्रयोग को भी नगरी सभ्यता का एक कारक माना जाता है। वसुदेव प्रशासनिक कार्य एवं वाणिज्य व्यापार के संचालन के लिए लिपि की जरूरत होती है, जैसा कि हम देखते हैं हड़प्पा सभ्यता के अंतर्गत भी एक लिपि का प्रचलन था।
सांस्कृतिक विविधता
सांस्कृतिक विविधता सभ्यता का एक तत्व माना जाती है। ग्रामीण स्थल के विभिन्न सांस्कृतिक समूह के लोग उपस्थित होते हैं। हड़प्पा सभ्यता के अंतर्गत भी धार्मिक विश्वास रीति रिवाज आदि के स्वरूप में भिन्नता पाई जाती है। इससे सिद्ध होता है कि नगरीय केंद्रों पर भिन्न-भिन्न संस्कृति समूह के लोग उपस्थित होते हैं। इसलिए हम कह सकते हैं कि हड़प्पा सभ्यता एक नगरी सभ्यता थी।
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